बलोचिस्तान एक सुलगता ज्वालामुखी

 भारत के विभाजन और आजादी के बाद हुए लाखों हत्याओं , बलात्कार , अपहरण और परिणामत: करीब डेढ़ करोड़ हिन्दू और सिखों के विस्थापन के बाद की दूसरी सबसे बड़ी त्रासदी है, बलोचिस्तान | बलोचिस्तान ही शायद सबसे अधिक उपेक्षित समस्या भारत में रही है | यों कहिये, भारत ने इसे कभी समस्या ही नहीं माना , कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा लगातार हस्तक्षेप एवं हिसंक कारवाई को प्रोत्साहन देने के बावजूद | वास्तव में यह हमारे नेतृत्व की राजनैतिक और सामरिक सोच के दिवालियेपन का धोतक है , कि भारत के सामरिक एवं राजनैतिक हितों की पूरी तरह अनदेखी करते हुए, हमने बलोचो को पूरी तरह अपने हाल पर छोड़ दिया है | बलोच पिछले 70 सालों से पाकिस्तानी सेना और जासूसी संस्थाओं द्वारा किये जा रहे अत्याचार एवं नरसंहार का सामना कर रहे हैं |

One thought on “बलोचिस्तान एक सुलगता ज्वालामुखी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *